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सुमन की कहानी

स्नेह की छाँव


सुमन के बचपन को न माँ का प्यार और उसका आँचल मिला न ही पिता क प्यार, उसकी आँखे हमेशा एक सहारे की तलाश में रहती थी और अपनी कड़ी मेहनत और लगन की वजह से एक अक्सेह मुकाम पर  पहुँच गयी थी.

लेकिन अकेलेपन से वह हमेशा परेशां रहती थी तो उसने एक बुजुर्ग दम्पति को अपना पिता और माता बना ले लिया और  उन्हें जो ले लिया जी हाँ सुमन माता पिता को गोद लिया.


सुमन ने बचपन में अपने माता का प्यार नहीं मिल पाया था इसकी वजह से ज़िन्दगी में अकेली रह गयी थी तो उसने अपनी पढाई पूरी करने के बाद ये बोहोत ही अच्छा काम किया था.

सुमन की परवरिश एक अनाथालय में हुई थी और उसे पता था की अकेले रहना क्या होता है.

सुमन ने पढाई करने के बाद कॉलेज में टीचर भी लग गयी थी अब उससे अच्छी सैलरी भी मिलने लग गयी थी जिससे उसका जीवन अच्छा बीतने लग गया था.

जब वह छोटी थी तो बहुत से दम्पति अनाथालय में आते थे औरबच्चा गोद ले लेते थे तब उससे बहुत ही लालसा होती थी की कोई उसे भी आने घर ले जाये और उसका ख्याल रखे प्यार दे पर ऐसा नहीं हुआ और वह बहुत ही उदास रहती थी ऐसा इसलिए होता था क्योंकि हर कोई लड़के को ही गोद लेना चाहता था पर लड़कियों को कोई घर नहीं ले जाता था.

बड़े होने के बाद उसने सोचा की अगर माता पिता गोद बच्चे गोद ले सकते हैं तो अकेली वह निसंतान माता पिता को गोद क्यों नहीं ले सकती और अपने जीवन को पूरा करे.

ऐसा सोचने के बाद वह एक वृद्ध आश्रम में गयी और वहां से होने माता और पिता गोद ले लिए, ये एक नै सोच है, सुमा न अपनों से ठुकराए हुए वृद्ध दम्पति को खूब प्यार दिया.

ये हमारे समाज के लिए एक परेनदायी कहानी हिअ और हम सबको जीवन में ऐसा कुछअच्छा काम करना चाहिए जिससे जीवन का लक्ष्य पूर्ण हो जाये.

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