ये होता है प्यार
रोहन जमीन पर अपने दोनों हाथों को सिर पर रखे हुए ऊकड़ू
बैठा था. वह अचरज भरी निगाहों से देखता कि कैसे जयपुर की तेज रफ्तार में सभी अपनी
राह पर सरपट भागे जा रहे थे.
अचानक एक गरीब लड़का, जो भीख मांग रहा था, एक
गाड़ी के धक्के से गिर गया. मगर उस की तरफ मुड़ कर देखने की जहमत किसी ने नहीं
उठाई.
थोड़ी देर तक तो उस लड़के ने इधर उधर देखा कि कोई उस की मदद
करने आएगा और सहारा दे कर उठाएगा, मगर जब कोई मदद न मिली तो वह खुद ही उठ
खड़ा हुआ और आगे बढ़ गया.
उस लड़के को देख रोहन ने कुछ देर सोचा और फिर उठ कर सामने
रखी बालटी के पानी से मुंह धोया और जेब से कंघी निकाल कर बालों को संवारा.
तभी चाय की दुकान पर बैठे एक बुजुर्ग आदमी बोले, ‘‘रोहन,
तुम यहां
2 महीने से चक्कर काट रहे हो. देखो जरा, तुम
ने अपना क्या हाल बना रखा है. तुम्हारा शरीर भी कपड़े की तरह मैला हो गया है. यह
जयपुर है बेटा, यहां तो सिर्फ पैसा बोलता है. तुम जैसे गांव
से आए हुए अनपढ़ और गरीब आदमी की बात कौन सुनेगा. मेरी बात मानो और तुम अपने गांव
लौट जाओ.’’
‘‘काका, मुझे किसी की जरूरत नहीं है. मैं
अपनी पत्नी को खुद ही ढूंढ़ लूंगा,’’ रोहन ने कहा.
‘‘यह हुई न हीरो वाली बात… यह लो गरमागरम चाय,’’ राकेश चाय वाला बोला.
चाय की दुकान और राकेश ही रोहन का ठिकाना थे. उस का सारा
दिन थाने के चक्कर काटने में बीतता और रात होते ही वह इसी दुकान की बैंच को बिस्तर
बना कर सो जाता. वह तो राकेश चाय वाला भला आदमी था जो उसे इस तरह पड़ा रहने देता
था और कभी उस पर दया आ जाती तो चाय बिसकुट भी दे देता.
अकेले में रोहन को उदासी घेर लेती थी. हर दिन जब वह सुबह
उठता तो सोचता कि आज तो कनिका उस के साथ होगी, मगर उसे नाकामी ही हाथ
लगती.
उस दिन की घटना ने तो रोहन को एकदम तोड़ दिया था. लंबे समय
तक हर जगह की खाक छानने के बाद उसे एक घर में कनिका सफाई करते हुए मिली तो उस की
खुशी का ठिकाना ही न रहा. वह भाग कर कनिका से लिपट गया.
कनिका की आंखों में भी पानी आ गया था. तभी गार्ड आ गया और
उन दोनों को अलग कर के रोहन को धक्के मार कर बाहर कर दिया.
बेचारा रोहन बहुत चिल्लाया, ‘यह मेरी कनिका है… कनिका… कनिका…
तुम घबराना नहीं, मैं तुम्हें यहां से ले जाऊंगा,’ मगर आधे शब्द उस की जबान से बाहर ही न आ पाए कि कोई भारी चीज उस के सिर
पर लगी और वह बेहोश हो गया.
आंखें खुलीं तो देखा कि रोहन की जिंदगी की तरह बाहर भी
स्याह अंधेरा फैल गया. किसी तरह अपने लड़खड़ाते कदमों से पुलिस स्टेशन जा कर वह
मदद की गुहार लगाने लगा और थकहार कर वहीं सड़क किनारे सो गया.
सुबह होते ही रोहन फिर पुलिस स्टेशन जा पहुंचा, तभी उन
में से एक पुलिस वाले को उस की हालत पर तरस आ गया. वह बोला, ‘‘ठीक
है, मैं तुम्हारे कहने पर चलता हूं, पर
यह बात झूठ नहीं होनी चाहिए.’’
पुलिस को ले कर रोहन उसी घर में पहुंचा और कनिका के बारे
में पूछा. वहां के मालिक ने कहा, ‘हमारे यहां कनिका नाम की कोई लड़की काम
नहीं करती.’
‘आप उसे बुलाएं. हम खुद ही उस से बात करेंगे,’ हवलदार ने डंडा लहराते हुए रोब से कहा.
अंदर से डरीसहमी एक लड़की आई. उसे देखते ही रोहन चिल्लाया, ‘साहब,
यही मेरी कनिका है. कनिका, तुम डरना नहीं,
इंस्पैक्टर साहब को सबकुछ सचसच बता दो.’
‘क्या नाम है तेरा?’
‘साहब, मेरा नाम रुपाली है.’
‘क्या यह तुम्हारा पति है?’
‘नहीं साहब, मैं तो इसे जानती तक नहीं
हूं.’
रोहन भौचक्का सा कभी कनिका को तो कभी पुलिस वाले को देखता
रहा.
तभी पुलिस वाला बोला, ‘सौरी सर, आप को
तकलीफ हुई.’
सभी लोग बाहर आ गए.
रोहन कहता रहा कि वह उस की पत्नी है, पर किसी
ने उस की न सुनी. सब उस से शादी का सुबूत मांगते रहे, पर वह
गरीब सुबूत कहां से लाता.
‘‘रोहन… ओ रोहन, कल मेरी दुकान में एक
मैडम आई थीं,’’ राकेश चाय वाले की यह बात सुन कर रोहन अपने
दिमाग में चल रही उथलपुथल से बाहर आ गया. वह अपना सिर खुजलाते हुए बोला, ‘‘हां, बोलो.’’
तभी राकेश चाय वाले ने उसे चाय का गरमागरम प्याला पकड़ाते
हुए कहा, ‘‘कल मेरी दुकान में एक मैडम आई थीं और वे कनिका जैसी लड़कियों की मदद के
लिए एनजीओ चलाती हैं. हो सकता है कि वे हमारी कुछ मदद कर सकें.’’
थोड़ी देर बाद ही वे दोनों मैडम के सामने बैठे थे. मैडम ने
पूछा, ‘‘उस ने तुम्हें पहचानने से क्यों मना कर दिया? अपना
नाम गलत क्यों बताया?’’
‘‘मैडम, मैं ने कनिका की आंखों से लुढ़कता
हुआ प्यार देखा था. उन लोगों ने जरूर मेरी कनिका को डराया होगा.’’
‘‘अच्छा ठीक है, तुम शुरू से अपना पूरा
मामला बताओ.’’
यह सुन कर रोहन उन यादों में खो गया था, जब कनिका
से उस की शादी हुई थी. दोनों अपनी जिंदगी में कितना खुश थे. सुबह वह ट्रैक्टर
चलाने ठाकुर के खेतों में चला जाता और शाम होने का इंतजार करता कि जल्दी से कनिका
की बांहों में खो जाए.
इधर कनिका घर पर मांबाबूजी को पहले ही खाना खिला देती और रोहन
के आने पर वे दोनों साथ बैठ कर खाना खाते और फिर अपने प्यार के पलों में खो जाते.
मगर कुछ दिनों से रोहन परेशान रहने लगा था. कनिका के बहुत
पूछने पर वह बोला, ‘पहले मैं इतना कमा लेता था कि
3 लोगों का पेट भर जाता था, पर अब
4 हो गए और कल को 5 भी होंगे. बच्चों की परवरिश भी तो करनी
होगी. सोचता हूं कि शहर जा कर कोई कामधंधा करूं. कुछ ज्यादा आमदनी हो जाएगी और
वहां कोई कामकाज भी सीख लूंगा. उस के बाद गांव आ कर एक छोटी सी दुकान खोल लूंगा.’
‘आप के बिना तो मेरा मन ही नहीं लगेगा.’
‘क्या बात है…’ रोहन ने शरारत भरे अंदाज में कनिका से पूछा तो कनिका
भी शरमा गई और दोनों अपने भविष्य के सपने संजोते हुए सो गए.
कुछ दिनों बाद वे दोनों शहर आ गए. वहां उन्हें काम ढूंढ़ने
के लिए ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ा. जल्दी ही एक जगह काम और सिर छिपाने की जगह
मिल गई. रोजमर्रा की तरह जिंदगी आगे बढ़ने लगी.
रोहन को लगा कि कनिका से इतनी मेहनत नहीं हो पा रही है तो
उस ने उस का काम पर जाना बंद करा दिया. वैसे भी फूल सी नाजुक और खूबसूरत लड़की
ईंटपत्थर ढोने के लिए नहीं बनी थी.
अभी बमुश्किल एक हफ्ता ही बीता था कि जहां रोहन काम करता था
वहां उस दिन बहुत कम लोग आए थे. वहां के मालिक ने पूछा, ‘क्या
हुआ रोहन, आजकल तेरी घरवाली काम पर नहीं आ रही है?’
रोहन ने अपनी परेशानी बताई तो मालिक बोले, ‘कुछ
दिनों से मेरे घर पर कामवाली बाई नहीं आ रही है, अगर तुम
चाहो तो तुम्हारी घरवाली हमारे यहां काम कर सकती है और तुम इस काम के अलावा हमारी
कोठी में माली का काम भी कर लो.’
रोहन को जैसे मनचाहा वरदान मिल गया. सोचा कि इस से पैसा भी
आएगा और कनिका इस काम को कर भी पाएगी. उस ने कनिका को बताया तो वह खुशीखुशी राजी
हो गई.
इस तरह कुछ महीने आराम से बीत गए. कुछ ही समय में उन्होंने
अपना पेट काट कर काफी पैसे इकट्ठा कर लिए थे और अकसर ही बैठ कर बातें करते कि अब
कुछ ही समय में अपने गांव लौट जाएंगे.
मगर वे दोनों अपने ऊपर आने वाले खतरे से अनजान थे. कनिका
जहां काम करती थी, उन के ड्राइवर की नजर कनिका पर थी. उधर मालकिन को कनिका का
काम बहुत पसंद था. वे अकसर पूरा घर कनिका के भरोसे छोड़ कर चली जाती थीं.
रोज की तरह एक दिन रोहन जब कनिका को लेने पहुंचा और बाहर
खड़ा हो कर इंतजार करने लगा. तभी ड्राइवर ने उसे साजिशन अंदर जाने के लिए कहा.
डरते डरते रोहन ने ड्राइंगरूम में पैर रखा तभी कनिका आ गई
और वे दोनों घर चले गए.
सुबह जब दोनों जैसे ही काम पर निकलने लगे कि देखा, मालिक
पुलिस को लिए उन के दरवाजे पर खड़े थे.
‘क्या हुआ?’
‘इंस्पैक्टर, गिरफ्तार कर लो इसे.’
पुलिस ने रोहन को पकड़ लिया तो उस ने पूछा, ‘मगर,
मेरा कुसूर क्या है?’
‘जब तुम कल इन के घर गए थे तब तुम ने इन के घर से पैसे चुराए
थे.’
वे दोनों बहुत समझाते रहे कि ऐसा नहीं है, मगर उन
गरीबों की बात किसी ने नहीं सुनी और रोहन को 2 महीने की सजा हो गई.
उधर कनिका को मालिक ने घर से निकाल दिया. उस का तो बस एक ही
ठिकाना रह गया था, वह बरसाती वाला घर और रोहन की यादें.
उधर रोहन के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत न होने के चलते कोर्ट
ने उसे 2 महीने बाद निजी मुचलके पर छोड़ दिया.
जब रोहन जेल से बाहर आया तो सीधे अपने घर गया, मगर
वहां कनिका का कोई अतापता नहीं था.
आसपास पूछने पर भी कोई बताने को तैयार नहीं हुआ. मगर उसी
जगह काम करने वाली एक बुजुर्ग औरत को दया आ गई, ‘बेटा, मैं तुम्हें सबकुछ बताती हूं. तुम जब जेल में थे, उसी
दौरान कनिका के पास न कोई सहारा, न ही कोई काम रह गया था.
तभी यहां के एक ठेकेदार ने उसे अपने घर के कामकाज के लिए रख लिया, क्योंकि वह अकेला रहता था.
‘तन और मन से टूटी कनिका की मदद करने के बहाने वह करीब आने लगा.
पहले तो वह मन से पास आया, फिर धीरेधीरे दोनों तन से भी करीब
आ गए. कनिका को अकसर उस के साथ बनसंवर कर घूमते देखा गया.
‘अब तुम्हीं बताओ, कोई अपनी काम वाली के
साथ ऐसे घूमता है क्या? मैं ने तो यहां तक सुना है कि काम
करतेकरते उस के साथ सोने भी लगी थी. अब इतनी बला की खूबसूरत लड़की के साथ यही तो
होगा.
‘जब लोगों ने बातें करना शुरू कर दिया तो एक दिन रात के अंधेरे
में सारा सामान ले कर चली गई. पर कुछ समय पहले ही मुझे बाजार में मिली थी. कह रही
थी कि यहीं कालोनी के आसपास घरों में काम करती है.’
यह सब सुन कर रोहन को बहुत दुख हुआ, पर उन
की कही किसी बात पर उसे यकीन नहीं हुआ.
इतना जानने के बाद एनजीओ वाली मैडम ने रोहन से आगे की कहानी
पूछी.
रोहन ने कहा, ‘‘मैं उसे ढूंढ़ता हुआ वहां पहुंच ही गया.
मैं ने कनिका को एक घर के अंदर जाते हुए देखा. उस ने पहचानने से मना कर दिया,’’ और रोहन की आंखों से झरझर आंसू बहने लगे.
‘‘यह लो रोहन, पानी पी लो,’’ मैडम ने कहा, ‘‘तुम ने उस से दोबारा मिलने की
कोशिश क्यों नहीं की?’’
‘‘आप को क्या लगता है कि मैं ने उस से मिलने की कोशिश नहीं की
होगी. पुलिस का कहना है कि जब तक तू शादी का सुबूत नहीं लाता तब तक उस घर क्या गली
में भी दिखाई दिया तो तुझे फिर से जेल में डाल देंगे.
‘‘मैं गरीब कहां से शादी का सुबूत लाऊं? मेरी
शादी में तो एक फोटो तक नहीं खिंचा था.’’
‘‘ठीक है रोहन, हम तुम्हारी जरूर मदद
करेंगे,’’ मैडम ने कहा.
कुछ दिन बाद वे मैडम रोहन और पुलिस को साथ ले कर कनिका से
मिलने गई और वहां जा कर पूछा कि आप के यहां कनिका काम करती?है क्या?
उन लोगों में से एक ने एक बार में ही सच बयां कर दिया, ‘‘कनिका
ही हमारे यहां काम करती थी, मगर उस ने अपना नाम रुपाली क्यों
बताया, यह हम नहीं जानते. जिस दिन रोहन पुलिस को ले कर आया
था. उसी दिन से वह बिना बताए कहीं चली गई और कभी वापस भी नहीं आई.’’
‘‘मैडम, ये सब झूठ बोल रहे हैं. आप इन के
घर की तलाशी लीजिए.’’
मगर कनिका सचमुच जा चुकी थी. तभी पुलिस ने गार्ड से पूछा, ‘‘क्या
तुम ने कनिका को जाते हुए देखा था?’’
‘‘हां साहब… उसी दिन रात 10 बजे के आसपास उसे ड्राइवर से बातें
करते हुए देखा था.’’
पुलिस ने उत्सुकतावश पूछा, ‘‘कौन सा ड्राइवर?’’
गार्ड बोला, ‘‘साहब, जहां वह पहले
काम करती थी वहीं का कोई ड्राइवर अकसर उस से मिलने आताजाता था.’’
पुलिस ने ड्राइवर का पता ठिकाना निकाला. पहले तो उस ने मना
कर दिया कि वह कनिका को नहीं जानता, पर जब सख्ती की गई तो ड्राइवर ने पुलिस को
बताया, ‘‘कनिका इस घर के पास ही एक और घर में काम करती थी.
उस का वहां के आदमी से अफेयर था. वह आदमी कनिका की मजबूरी का फायदा उठाता रहा. उस
के उस से नाजायज संबंध थे. उस ने तो कनिका को अपने ही मकान में एक छोटा कमरा भी दे
रखा था.
‘‘रोजाना गहरी होती हर रात को शराब के नशे में धुत्त वह कनिका
पर जबरदस्ती करता था. कनिका चाहती तो गांव वापस जा सकती थी, पर
वहां गांव में कुनबे के लिए रोटी बनाने से बेहतर काम उसे यह सब करना ज्यादा अच्छा
लगने लगा था, क्योंकि उसे तो पाउडर और लिपस्टिक से लिपेपुते
शहरी चेहरे की आदत हो गई थी.
‘‘मगर जब आशिक का मन भर गया और उस में कोई रस नहीं दिखाई देने
लगा तो एक दिन चुपचाप अपने घर में ताला लगा कर चला गया.
‘‘जब वह 2-4 दिन बाद भी वापस नहीं आया तो कनिका ने उस बन रही
बिल्डिंग में जा कर उसे ढूंढ़ा लेकिन वहां पर भी उसे निराशा ही हाथ लगी. उस के
रहने का ठिकाना भी न रहा.
‘‘उस के जाने के बाद अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए वह देह
धंधे में उतर गई.’’
इतना सुनते ही रोहन के होश उड़ गए और वह अपने उस दिन के
फैसले पर पछताने लगा कि वे दोनों शहर क्यों आए थे. लेकिन रोहन अच्छी तरह जानता था
कि ऐसी औरतों के ठिकाने कहां होते हैं.
कुछ दिनों में पुलिस ने फौरीतौर पर छानबीन कर फाइल भी बंद
कर दी और मैडम ने भी हार मान ली.
वे रोहन को समझाने लगीं, ‘‘उस दुनिया में जाने के
बाद सारे प्यार और जज्बात मर जाते हैं. वहां से कोई वापस नहीं आता. जब हम और पुलिस
मिल कर कुछ नहीं कर पाए तो तुम अकेले क्या कर पाओगे? अच्छा
होगा कि तुम भी गांव वापस चले जाओ और नई जिंदगी शुरू करो.’’
पर, रोहन पर तो जैसे भूत सवार था. वह अपनी कनिका
को किसी भी कीमत पर पाना चाहता था. वह सारा दिन काम करता और रातभर रैडलाइट एरिया
में भटकता रहता.
इसी तरह कई महीने बीत गए, मगर उस ने हार नहीं मानी.
एक दिन रात को ढूंढ़ते हुए उस की निगाह ऊपर छज्जे पर खड़ी लड़की पर पड़ी. चमकीली
साड़ी, आंखों पर भरपूर काजल, होंठो पर
चटक लाल रंग की लिपस्टिक और उस पर से अधखुला बदन. अपने मन को मजबूत कर उस ने उस से
आंखें मिलाने की हिम्मत की तो देखा कि तो कनिका थी.
रोहन दूसरे दिन मैडम को ले कर रैडलाइट एरिया के उसी मकान पर
गया और लकड़ी की बनी सीढि़यों के सहारे झटपट ऊपर पहुंचा और बोला, ‘‘कनिका,
तुम यहां…’’ और यह कहते हुए उस के करीब जाने लगा, तभी उस ने उसे झटक कर दूर किया और कहा, ‘‘मैं रेशमा
हूं.’’
रोहन बोला, ‘‘मैं अब तुम्हारी कोई बात नहीं मानूंगा.
तुम मेरी कनिका हो… केवल मेरी… कनिका घर लौट चलो… मैं तुझ से बहुत प्यार करता हूं,
मैं तुम्हें वह हर खुशी दूंगा जो तुम चाहती हो. अब और झूठ मत बोलो.
‘‘मैं जानता हूं कि तुम कनिका हो, तुम
अपने रोहन के पास वापस लौट आओ. तुझे उस प्यार की कसम जो शायद थोड़ा भी कभी तुम ने
किया हो. यहां पर तुम्हारा कोई नहीं है. सब जिस्म के भूखे हैं. चंद सालों में यह
सारी चमक खत्म हो जाएगी.’’
कनिका भी चिल्लाते हुए बोली, ‘‘रोहन, मैं चाह कर भी तुम्हारे साथ नहीं चल सकती. तुम्हारी कनिका उसी दिन मर गई
थी जिस दिन उस ने यहां कदम रखा था. तुम समझने की कोशिश क्यों नहीं करते हो कि मैं
गंदी हो चुकी हूं.’’
रोहन उस के और करीब जा कर उस का चेहरा अपने हाथों में ले कर
बोला, ‘‘तुम औरत नहीं, मेरी पत्नी हो, तुम कभी गंदी नहीं हो सकती. जहां वह रहती है वो जगह पवित्र हो जाती है,
तुम यहां से निकलने की कोशिश तो करो. मैं तुम्हारे साथ हूं.
तुम्हारा रोहन सबकुछ भुला कर नई जिंदगी की शुरुआत करना चाहता है.’’
कनिका भी शायद कहीं न कहीं
इस जिंदगी से तंग आ चुकी थी.
रोहन की बातों से वह जल्दी ही टूट गई. वे दोनों एकदूसरे से
लिपट गए और फफक कर रो पड़े.
रोहन और कनिका अपनी नई जिंदगी की शुरुआत करने वहां से वापस
चल दिए.
मैडम उन को जाते देख बोली, ‘‘जहां न कानून कुछ कर पाया
और न ही समाज, वहां इस के प्यार की ताकत ने वह कर दिखाया जो
नामुमकिन था. सच में… ऐसा प्यार कहां…’’
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Nice
ReplyDeleteWhich is the best honeymoon place in india