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एक सम्पूर्ण बहु की खोज



साधना आज बहुत मायूस सी अपने कमरे में बैठी थी उसकी तबियत थोड़े समय से ख़राब चल रही थी साधना का स्वभाव बहुत ही मिलनसार था| वो धार्मिक विचारो वाली घरेलू महिला थी| उसके ससुराल में पति और दो बच्चे एक छोटा सा सम्पन परिवार था| रिया और अमन के रूप में दो बच्चे पा कर साधना बहुत खुश थी, पढ़ने लिखने में दोनों बहुत ही मेधावी थे|

धीरे धीरे समय गुजरता चला गया और 25 साल बीत गए| अमन भी mba की पढाई करने के लिए विदेश चला गया| रिया ने भी डॉक्टर बनने के बाद प्रैक्टिस शुरू कर दी| रिया के लिए जब डॉक्टर रमेश का रिश्ता आया तो साधना मना नहीं कर पाई| खूब धूम धाम से साधना ने रिया की शादी की| शादी के बाद रिया अपनी घर गृहस्थी में मशगूल हो गयी| साधना और उसका पति बेटी को विदा कर के बहुत अकेला महसूस करते थे| अब घर काटने को दौड़ता था, पर वो कर भी क्या सकते थे| बीटा भी बाहर  विदेश में था| उन्होंने सोचा अब लड़के की भी शादी कर देते है, घर में बहु आएगी तो घर में भी रौनक हो जाएगी|

साधना ने लड़की देखना शुरू कर दिया| अमन की भी पढाई पूरी हो चुकी थी, उसने US में ही अच्छी कंपनी में काम करना शुरू कर दिया था| माँ जब भी उससे आने के बारे में पूछती वो टाल देता, कहता अभी नहीं माँ अभी में नौकरी में व्यस्त हूँ|

देखते ही देखते दो साल गुजर गए| अबकी बार साधना ने ये ठान लिए थान लिया था की अमन को बुला कर ही रहेगी, इस बार अमन मना नहीं कर पाया| अमन के आने की खबर की ख़ुशी से घर में चहल पहल सी हो गयी माँ बाप बहुत खुश थे, हो भी क्यों न बेटा जो आ रहा था| माँ ने कहा इस बार तेरी शादी करा कर ही भेजेंगे पर अमन खामोश रहा|

एक दिन सवेरे सवेरे उसने माँ से कहा ,माँ में अलीना से प्यार करता हूँ और उसी से ही शादी करना चाहता हूँ| माँ के पैर के नीचे से जैसे ही ज़मीन खिसक गयी, उसे नहीं मालूम था की, अमन माँ बाप की मर्ज़ी के बगैर शादी जैसा बड़ा फैसला भी ले सकता है| इस पर उसका रहन सहन और देश भी अलग था|

पर अमन की जिद्द के आगे साधना ने हाँ कर दी| अमन बहुत खुश था| साधना ने कहा अब की बारी जब आओ तो दोनों का विवाह करा देंगे, अमन ने हामी भर दी| एक दिन अलीना का फ़ोन आया और उसने कहा की वो शादी नहीं कर सकती| अलीना एक तलाकशुदा औरत थी और उसकी 7 साल की बेटी भी थी| उसने कहा की वो अपनी बेटी को छोड़ कर किसी और के साथ शादी नहीं करना चाहती|

अमन ने बहुत समझने की कोशिश की पर उसने एक न सुनी| साधना को जब इस बारे में पता चला तो उसने मन ही मन भगवान को धन्यवाद दिया, क्युकी वो एक 7 साल की बेटी की माँ को अपनी घर की बहु नहीं बनाना चाहती थी, पर बेटा की जिद्द के आगे उसने मंजूरी दे दी थी|

साधना ने कहा कोई बात नहीं बेटा ,तुम्हारे लिए और लड़कियों के रिश्ते आ जायेंगे| साधना के मन में अब संतोष के भाव थे|| अब साधना नए जोश के साथ बहु ढूंढ़ने का काम शुरू कर दिया क्योंकि इस बार तो अमन की भी हाँ थी|

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