रमा की शादी
रमा की शादी
को लगभग चार साल हो गए थे| शादी से पहले रमा पर घर की जिम्मेदारियों का बोझ था| परन्तु उसने कभी इसका अहसास नहीं जताया, वो खुशी खुशी अपनी जिम्मेदारियों
का निर्वाह करती|
उसे ऐसा करना अच्छा लगता था| वह अपने काम से काम रखने वाली सीदी साधी लड़की थी| रमा का एक छोटा भाई भी था उनके पिताजी एक अध्यापक थे| उन्होंने रमा की शादी खूब धूम धाम
से संजय के साथ की| संजय भी अच्छे घर का अच्छा लड़का था, जो की घर का बिज़नेस संभालता था|
शादी के बाद जैसे रमा की जिंदगी ही बदल गयी,हो भी क्यों ना उसकी शादी एक संपन्न परिवार जो हुई थी| उसका घर बहुत बड़ा बंगला था, नौकर चाकर की कोई कमी नहीं थी| इतनी शानशौकत की तो रमा ने कभी
कल्पना भी नहीं की थी|
घर के छोटे छोटे कामों से खुश होने वाली लड़की के पास आज कोई काम नहीं था| रमा का पति और ससुर सुबह 10 बजे घर
से निकल जाते थे तो रात को आने का उनका कोई समय नहीं था| रमा की सास बहुत पूजापाठी थी उनका सारा समय भगवान् की
पूजा में निकलता था|
शादी के लगभग 1 साल बाद ही रमा की माँ की मृत्यु हो गयी, वो कर्करोग से पीड़ित थी| माँ के चले जाने के बाद रमा का भाई
और पिताजी अकेले रह गए| रमा को उनकी काफी चिंता होती थी, पर शादी के बाद वो अपने मायके ज्यादा जा भी नहीं सकती थी| जब भी समय मिलता संजय रमा को उनके
पास ले जाया करता था,इससे उसका मन बहल जाता था|
रमा सरे सिन घर पर खाली रहकर उदास रहने लगी, जिसके कारन थोड़े ही समय में वो डिप्प्रेशन का शिकार
हो गयी| डॉ ने रमा को कहा की वो अपना मन
किसी काम में लगे मसलन हॉबी में ताकि वो जल्दी स्वस्थ हो सके|
संजय ने बहुत सारी किताबे रमा को लेकर दी जिनको पढ़कर उससे अच्छा लगाने लगा| अब वो हर समय किताबो में घुसी रहती
थी| उसने upsc की परीक्षा देने का मन बना लिया|
उसने दिन रात मेहनत की ये उसकी मेहनत का ही नतीजा था की उसने पहेली बार में upsc परीक्षा उत्तीर्ण की,वो भी बहुत अच्छे अंको से| रमा ये ये विश्वास नहीं हो रहा था
की उसने इतना कठिन काम कर के जो दिखाया था| संजय भीरमा की कामयाबी से बहुत खुश था, उसने भी रमा को पूर्ण सहयोग दिया
था|
अब रमा पहले जैसी शर्मीली लड़की नहीं थी, उसमे अलग सा आत्मविश्वास आ गया था| वो ना केवल अपने सभी कार्यो को
पूरी लगन से करती, अपितु असहायो की भी सहायता करती
थोड़े ही समय में रमा आने घर की ही नहीं अपितु अपने प्रदेश की भी लाड़ली हो गयी| उसके कार्य करने की क्षमता से सभी
बहुत प्रभावित होते थे| संजय भी रमा जैसी पत्नी पाकर बहुत खुश था|
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